16 जनवरी 2023। प्रदेश में पाक्सो एक्ट के अपराधों में पुलिस बहुत ही कम आरोपियों को सजा दिलवा पा रही है। पिछले नौ सालों के आंकड़ों को देखा जाये तो वर्ष 2014 में 30.83, वर्ष 2015 में 25.13, वर्ष 2016 में 24.04, वर्ष 2017 में 26.72, वर्ष 2018 में 24.34, वर्ष 2019 में 25.80, वर्ष 2020 में 30.62, वर्ष 2021 में 26.83 तथा वर्ष 2022 में अब तक 31.59 प्रतिशत को ही न्यायालय से सजा मिल पाई और शेष दोषमुक्त हो गये।
उल्लेखनीय है कि पाक्सो एक्ट के तहत नाबालिग बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराध और छेड़छाड़ के मामलों में कार्रवाई की जाती है। यह एक्ट बच्चों को सेक्सुअल हैरेसमेंट, सेक्सुअल असॉल्ट और पोर्नोग्राफी जैसे गंभीर अपराधों से सुरक्षा प्रदान करता है। लेकिन इन मामलों में पुलिस की लचर विवेचना का आरोपी लाभ उठाकर बच रहे हैं।
अजाजजा व महिला अत्याचार में भी दोषसिद्धी कम :
प्रदेश में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों तथा महिलाओं के प्रति अपराधों में भी दोष सिद्धी का प्रतिशत पिछले नौ सालों में बहुत ही कम रहा है। अजाजजा अत्याचारों में दोष सिद्धी का प्रतिशत इन नौ सालों में 25.85 प्रतिशत रहा है जबकि महिला अत्याचारों में 29.48 प्रतिशत ही रहा है और बाकी सब दोषमुक्त हो गये हैं।
- डॉ. नवीन जोशी
पाक्सो एक्ट के अपराधों में सिर्फ 31.59 प्रतिशत आरोपियों को सजा मिली, शेष छूट गये
Place:
Bhopal 👤By: prativad Views: 561
Related News
Latest News
- मध्य प्रदेश में निवेश बढ़ाने के लिए सीएम डॉ. मोहन यादव की लंदन यात्रा, हुआ गर्मजोशी से स्वागत
- भोपाल गैस त्रासदी: पीढ़ियों तक फैला जहर, मिट नहीं रहा दर्द
- ब्लूस्काई क्यों बन रहा सोशल मीडिया का नया पसंदीदा प्लेटफ़ॉर्म?
- प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ में भोपाल के महेश और इंदौर के प्रयासों की सराहना
- सोशल मीडिया से बने "डिजिटल डॉन", लॉरेंस बिश्नोई की छवि को सोशल मीडिया ने कैसे बढ़ावा दिया
- अमेरिका के इतिहास में सबसे खराब दूरसंचार हैक का खुलासा: सीनेटर