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देश की शान, वीरों का शौर्य और फाइटर जेट-मिसाइलों की ताकत...

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Place: Bhopal                                                👤By: prativad                                                                Views: 2137

26 जनवरी 2023। गणतंत्र दिवस के मौके पर कर्तव्य पथ पर परेड निकाली गई. परेड में आकाश मिसाइल, अर्जुन टैंक जैसे घातक हथियारों ने सेना के शौर्य को दिखाया, आसमान में प्रचंड और राफेल समेत 50 विमानों की उड़ान ने सीमाओं से परे भारतीय वायु सेना की शक्ति प्रदर्शित की. 90 मिनट की परेड में 23 झांकियां भी दिखीं. इनमें राज्यों की और मंत्रालयों विभागों की झांकियां शामिल रहीं.
भारत आज 26 जनवरी को 74वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. इस मौके पर कर्तव्य पथ परेड निकाली गई.
इस परेड में भारत का स्वदेशी सैन्य पराक्रम और नारी शक्ति की ताकत नजर आई. कर्तव्य पथ पर आकाश
मिसाइल, अर्जुन टैंक जैसे घातक हथियारों ने सेना के शौर्य को दिखाया, आसमान में प्रचंड और राफेल समेत 50 विमानों की उड़ान ने सीमाओं से परे भारतीय वायु सेना की शक्ति प्रदर्शित की. ये दृश्य हर भारतीय का
सीना गर्व से चौड़ा करने वाला रहा. 90 मिनट की परेड में 23 झांकियां भी दिखीं. इनमें राज्यों की और
मंत्रालयों-विभागों की झांकियां शामिल रहीं. जहां यूपी की झांकी में अयोध्या की झलक दिखी, तो वहीं गृह मंत्रालय द्वारा नशा मुक्त भारत की झांकी और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की झांकी में 'नारी शक्ति' को दर्शाया गया. आखिर में भारतीय सेनाओं के 50 विमानों ने फ्लाई पास्ट किया.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने फहराया तिरंगा
कर्तव्य पथ इस बार देश ने इतिहास बनते देखा. देश में पहली बार आदिवासी महिला राष्ट्रपति द्रौपदी
ने परेड की सलामी मुर्मू ली. उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और उसके बाद 21 तोपों की सलामी के साथ राष्ट्रगान हुआ. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कर्तव्य पथ से राष्ट्र का नेतृत्व किया. इस बार गणतंत्र दिवस पर मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी (Abdel Fattah El-Sisi) मुख्य अतिथि थे. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वॉर मेमोरियल पहुंचकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान उनके साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सीडीएस अनिल चौहान, तीनों सेनाओं के सेना प्रमुख मौजूद रहे. इसके बाद पीएम मोदी कर्तव्य पथ पहुंचे, यहां उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का स्वागत किया.

विजेता सूबेदार मेजर (मानद कप्तान) बाना सिंह, 8 जेएके एलआई (सेवानिवृत्त); सूबेदार मेजर (मानद कप्तान) योगेंद्र सिंह यादव, 18 ग्रेनेडियर्स (सेवानिवृत्त) और सूबेदार (मानद लेफ्टिनेंट) संजय कुमार, 13 जेएके राइफल्स और अशोक चक्र विजेता मेजर जनरल सीए पीठावाला (सेवानिवृत्त); जीप पर डिप्टी परेड कमांडर के पीछे कर्नल डी श्रीराम कुमार और लेफ्टिनेंट कर्नल जस राम सिंह (सेवानिवृत्त) रहे.
मिस्र की टुकड़ी कर्नल महमूद मोहम्मद अब्देल फत्ताह एल खारासावी के नेतृत्व में पहली बार कर्तव्य पथ पर मिस्र के सशस्त्र बलों के संयुक्त बैंड और मार्चिंग दल परेड में शामिल हुआ. दल में 144 सैनिक शामिल हुए, जिन्होंने मिस्र के सशस्त्र बलों की मुख्य शाखाओं का प्रतिनिधित्व किया.
भारतीय सेना की टुकड़ी
61 कैवलरी की वर्दी में पहली टुकड़ी का नेतृत्व कैप्टन रायजादा शौर्य बाली ने किया. 61 कैवलरी दुनिया में एकमात्र सेवारत सक्रिय घुड़सवार कैवेलरी रेजिमेंट है, जिसमें सभी 'स्टेट हॉर्स यूनिट्स' का संयोजन है. भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व 61 कैवेलरी के एक माउंटेड कॉलम, नौ मैकेनाइज्ड कॉलम, छह मार्चिंग टुकड़ियों और आर्मी एविएशन कॉर्प्स के एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) द्वारा एक फ्लाई पास्ट द्वारा किया गया.

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