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गाँधी जी का अपमान करने पर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दर्ज हो - डॉ. यादव

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Place: Bhopal                                                👤By: prativad                                                                Views: 1151

महात्मा गाँधी का सम्मान करो-विश्व में देश का नाम करो अभियान प्रारंभ
05 फरवरी 2023। अंतरराष्ट्रीय सोशल एक्टिविस्ट डॉ. महेश यादव (अमन गाँधी) ने आग्रह किया हैं कि राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी को लोकसभा में प्रस्ताव के जरिये अधिकृत रूप से राष्ट्रपिता की पदवी ससम्मान प्रदान करने तथा महात्मा गाँधी के प्रति सार्वजनिक या सोशल मीडिया के माध्यम से असब्दो का प्रयोग व अपमान करने वालों पर राष्ट्रद्रोह कानून के अंतर्गत सज़ा का प्रावधान हो।
इस सबन्ध में डॉ महेश यादव ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नाम संबोधित ज्ञापन प्रधानमंत्री मंत्री कार्यक्रम नई दिल्ली को भेंट किया
इसी क्रम में डॉ. महेश यादव, डॉ संतोष कुमार, सरदार सुखइंदर सिंह ने एक अभियान की सुरुआत की जिसका नाम हैं "महात्मा गांधी जी का सम्मान करो-देश का विश्व मे नाम करो" इस अभियान के अन्तर्गत देश के सभी नेता व नागरिकों से अपील की जाएगी कि जिस महामानव ने हमें देश दिलाकर स्वाभिमान से जीना सिखाया है हम ऐसे महामानव का हृदय से सम्मान करें और उनकी हत्या करने वाले कायर नाथूराम गोडसे को देश का ग़द्दार घोषित करे तथा गोडसे का महिमा मंडन करने वालो पर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दर्ज कराये।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को दिए गए ज्ञापन में लिखा है कि राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी भारत के ही राष्ट्रपिता नहीं वल्कि विश्व के सत्य अहिंसा के पितामह के रूप में पूजक हैं ऐसे महामानव ईश्वरीय अवतार को हम शत शत नमन करते हैं।
आज़ादी के महान क्रांतिकारी नेता जी सुभाष चंद्र बोस जी ने 4 जून 1944 को सिंगापुर से प्रसारित अपने रेडियो संदेश में सर्वप्रथम महात्मा गांधी जी को देश का पिता अर्थात राष्ट्रपिता कह कर संबोधित किया था इसी क्रम में सम्मानीय स्वर्गीय सरोजनी नायडू जी ने भी एक पत्रकार वार्ता में गाँधी को राष्ट्रपिता कहकर संबोधित किया था और महात्मा गाँधी जी के निधन पर देश के प्रथम प्रधानमंत्री सम्मानीय स्वर्गीय श्री जवाहरलाल नेहरू जी के देश नाम संदेश में शब्द थे की राष्ट्रपिता नहीं रहे।
महात्मा गांधी जी को तब से लेकर आजतक सभी सरकारों और जनमानस ने राष्ट्रपति ही माना है और भारतीय जनमानस के दिल में राष्ट्रपिता ही रहेंगे।
बनारस के एक एक्टिविस्ट द्वारा जब सूचना के अधिकार के अंतर्गत ग्रह मंत्रालय से कुछ वर्ष पहले यह जानकारी प्राप्त करना चाही की गाँधी जी को राष्ट्रपिता की पदवी कब प्रदान की तो ग्रह मंत्रालय के पास ऐसे कोई अधिकृत प्रमाण नहीं हैं।
सम्मानीय देश की आज़ादी में अनगित वीरो के प्राणों की आहुति है और सभी का रक्त मिला हैं इस मातृभूमि में जिनके हम सदैव ऋणी रहेंगे, राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी ने के नेतृत्व में हमने स्वाधीनता प्राप्त की न केवल स्वाधीनता प्राप्त की वल्कि गाँधी जी ने वो राष्ट्रीय भावना निर्मित की जो 2 हज़ार वर्षो में कभी नही रही और मौर्य साम्राज्य के बाद फिर से हमें अखण्ड भारत के एक बड़े और शक्तिशाली भूभाग पर एक लोकतांत्रिक स्वंतत्र राष्ट्र दिलाया हैं महात्मा गांधी जी ने हमें वो दिया जो एक पिता और ईश्वर अपने बच्चों को देता हैं आज गाँधी जी हमारे ईश्वर तुल्य हैं।
महात्मा गाँधी जी के आदर्श और सिद्धान्तों की वजह से पुरे विश्व में हमारे भारतीयों का सम्मान है और संयुक्त राष्ट्र ने गाँधी जी का जन्मदिन विश्व अहिंसा दिवस के रूप में स्थापित कर गाँधी जी को विश्व का शांति और अहिंसा का पितामह माना हैं परन्तु हमारे देश के कुछ न समझ गाँधी जी का चरित हनन कर उनके प्रति आशब्दो का प्रयोग करते हैं जो अत्यंत चिंताजनक और गंभीर अपराध हैं क्योंकि राष्ट्र के पिता का अपमान राष्ट्र का अपमान हैं जो राष्ट्रद्रोह हैं।
सम्मानीय आपसे सविनय प्रार्थना हैं कि जिस महामानव ने हमें स्वाभिमान से जीना सिखाया और राष्ट्र भावना जगाई ऐसे महात्मा को हम वर्तमान लोकसभा सत्र में सम्मान के साथ धन्यवाद ज्ञापित करे और एक प्रस्ताव पारित करके अधिकृत रूप से राष्ट्रपिता की पदवी प्रदान करें तथा इसी क्रम में एक कठोर कानून लाये जिसमे राष्ट्रपिता और अन्य क्रांतिवीरों को अपमानित करने वालो को राष्ट्रद्रोही की श्रेणी में लाया जाए जिससे आने वाली पीढ़ियो के हृदय में देहभक्तो के लिए सम्मान रहे।

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