
✍ रिपोर्ट: प्रतिवाद डेस्क |
10 अप्रैल 2025। बीजिंग। अब चीन में हर छात्र को स्कूल की पढ़ाई के दौरान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की शिक्षा लेना अनिवार्य होगा। यह नया शैक्षणिक नियम आगामी 1 सितम्बर 2025 से पूरे देश में लागू किया जाएगा और इसकी शुरुआत 6 वर्ष की उम्र से की जाएगी।
चीन की शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि यह कदम वैश्विक प्रतिस्पर्धा, तकनीकी सशक्तिकरण और भविष्य के लिए बच्चों को तैयार करने की दिशा में एक अहम पहल है। इस नीति के तहत AI को प्राथमिक कक्षा से ही एक मुख्य विषय के रूप में शामिल किया जाएगा, जिसमें मशीन लर्निंग, रोबोटिक्स, एल्गोरिदम, डेटा एनालिटिक्स और जिम्मेदार AI के बुनियादी सिद्धांत सिखाए जाएंगे।
👉 राष्ट्रीय रणनीति के तहत बड़ा कदम
चीन पहले ही AI को राष्ट्रीय विकास की प्रमुख रणनीतियों में शामिल कर चुका है। “मेड इन चाइना 2025” और “न्यू जेनरेशन AI डेवलपमेंट प्लान” जैसे कार्यक्रमों के तहत चीन दुनिया की AI महाशक्ति बनने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। अब इस नीति के जरिए चीन न केवल उच्च शिक्षा बल्कि बचपन से ही AI को शिक्षा का अभिन्न हिस्सा बना रहा है।
👨👩👧 छोटे बच्चों के लिए विशेष AI पाठ्यक्रम
सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि छोटे बच्चों के लिए AI की शिक्षा खेलों, एनिमेशन, सरल कोडिंग और रोबोटिक खिलौनों के माध्यम से दी जाएगी, जिससे वे जटिल तकनीकी अवधारणाओं को सहज रूप से समझ सकें। माध्यमिक और उच्चतर कक्षाओं में प्रोग्रामिंग, नैतिक AI, और नवाचार आधारित परियोजनाएं शामिल होंगी।
🌍 वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बढ़त का प्रयास
विशेषज्ञों का मानना है कि यह नीति न केवल तकनीकी नेतृत्व को मजबूत करेगी बल्कि आने वाले दशकों में चीन को ग्लोबल AI लीडर के रूप में स्थापित करने की दिशा में बड़ा कदम है।
⚠ भारत और अन्य देशों के लिए चेतावनी
यह कदम भारत समेत अन्य विकासशील देशों के लिए एक चेतावनी भी है कि भविष्य की शिक्षा केवल गणित और विज्ञान तक सीमित नहीं रह सकती। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी उभरती तकनीकों में प्रारंभिक स्तर से निवेश करना अब समय की मांग बन चुकी है।
– प्रतिवाद डॉट कॉम डेस्क
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